सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

स्वच्छ भारत मिशन : सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने ग्रामीणों को किया जागरूक


बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भारत नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल 59 वी वाहिनी के जवानों ने देश की सुरक्षा के साथ ही अब गाँधी जी के सन्देश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का स्वक्ष भारत का सपना पूरा करने व ग्रामीणों को स्वक्षता के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है । जहाँ सशस्त्र सीमा बल की 59 वी वाहिनी के सुजौली थाना क्षेत्र अंतर्गत बार्डर पर तैनात निरीक्षक अभिषेक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में जवानों द्वारा बिछिया बाजार, थारु जनजाति ग्राम पंचायत बिशुनापुर और  फकीरपुरी समेत क्षेत्र के विभिन्न जगहों की साफ़ सफाई कर ग्रामीणों को जागरूक किया गया वहीँ आज  स्वक्षता ही सेवा अभियान के तहत थाना क्षेत्र मूर्तिहा के सीमा पर तैनात 59 वी वाहिनी के निरीक्षक वत्सल चौधरी के नेतृत्व में जवानों ने मुर्तिहा छावनी, मन्दिर, प्राथमिक विद्यालय, समेत कई ग्रामीण इलाकों में जमकर साफ़ सफाई की और लोगों को अपने आसपास साफ सफाई रखने के सन्देश के साथ ही कूड़ेदान का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।

इस दौरान सहायक उप निरीक्षक सत्यपाल सिंह, हेड कांस्टेबल अमित तोमर के साथ ही दो दर्जन से अधिक जवान शामिल रहे।

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

सेवा की गारण्टी देंगे, माया टैक्स पर रोक लगेगी


जन स्वाभिमान यात्राओं में राजनाथ-कलराज ने बताये चुनाव बाद के मंसूबे 




अशोक कुमार सिंह
लखनऊ, 15 अक्तूबर: 
        भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आते ही लोक सेवा गारण्टी लागू करेगी, अवैध रूप से वसूले जा रहे ‘माया टैक्स’ पर रोक लगेगी और जिम्मेदार लोगों को जेल भेजे जायेंगे, चाहे वे कितने भी बड़े व्यक्ति क्यों न हों। जनता का स्वाभिमान जगाकर पार्टी को सत्ता के कुछ और नजदीक पहुंचने की चाहत में जनस्वाभिमान यात्रा पर निकले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र ने तीसरे दिन शनिवार को अलग-अलग सभाओं में यह बात कहीं। दोनों नेताओं ने कहा कि देश और प्रदेश में बढ़ रही बेकाबू महंगाई के लिए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बराबर की साझेदार है। इस शासन में सब कुछ महंगा है, अमन और शांति तो सर्वाधिक महंगी है। प्रदेश में बसपा सरकार की साख गिरी है। आमजन को सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस पिट रही है। 
        मथुरा से यात्रा शुरू करने वाले राजनाथ ने पहासू और खुर्जा में आयोजित जनसभाओं में कहा कि सत्ता में बैठे हुए लोगों का चरित्र निष्कलंक होना चाहिए। पहले सार्वजनिक जीवन में किसी नेता-मंत्री पर कोई आरोप लगता था, तो वह तत्काल नैतिकता के आधार पर पद त्याग देता था, किन्तु आज वित्त मंत्री को प्रधानमंत्री ही बचाने में लगे हुए हैं। प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकारी खजाने की फिजूलखर्ची हो रही है। सरकार दलितों के प्रति संवेदन शून्य है। सामाजिक समरसता तार-तार हो गयी है। जाति-बिरादरी की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है जो भविष्य के लिए खतरनाक है।
        राजनाथ ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्ष़ण दे रहे हैं। लोकायुक्त की रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक बसपा के 67 विधायक अपराधी छवि के हैं। मायावती का इस पर कोई ध्यान नहीं है। उन्हें अपनी सरकार बची रहने की चिन्ता है, ताकि वह पूरे समय तिजोरी भरती रहें। भाजपा की सरकार बनते ही ये सारे अपराधी छवि वाले मंत्री-विधायक जेल में होंगे। प्रदेश में सुशासन के माध्यम से अमन-चैन कायम होगा। शनिवार को राजनाथ ने अलीगढ़ से चलकर करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय की। यात्रा में उनके साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रमापति राम त्रिपाठी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार, एवं राष्ट्रीय सचिव संतोष गंगवार भी थे। 
        वहीं यात्रा के डाला (सोनभद्र) पहुंचने पर कलराज ने कहा कि बसपा की पूरी सरकार भ्रष्ट है। हर दिन एक नया मंत्री लोकायुक्त जांच में फंस रहा है। इससे भाजपा के आरोपों की पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार के कारण विकास प्रभावित हो रहा है निर्माण के ठेके बसपा नेताओं को दिये जा रहे हैं। जो धन आमजन के विकास में खर्च होना चाहिए था वह बसपा नेताओं की जेब में जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस के कुछ आला अफसरों द्वारा बसपा नेताओं के दबाव में काम करने के कारण पुलिस का इकबाल कम हुआ है। हालात यह हैं कि अलग-अलग कारणों से कहीं भीड़ तो कहीं पर अपराधी खाकी पर हमलावर हो रहे हैं।
        चोपन में आयोजित स्वागत समारोह में कलराज ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के धन की लूट मची है। उन्होंने एक निजी एजेन्सी के सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सोनभद्र में मनरेगा के धन में 80 प्रतिशत से अधिक धन की हेराफेरी की गयी। उन्होंने कहा कि जब केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता बार-बार कहते हैं कि उप्र में मनरेगा के धन की बन्दरबांट हो रही है तो फिर केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती?


गंगा शुद्धीकरण के लिए टैक्स के प्रस्ताव की आलोचना 
        लखनऊ, 15 अक्तूबर: 
        भारतीय जनता पार्टी ने गंगा शुद्धीकरण के लिए जनता से टैक्स वसूलने के सरकार के प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को कहा कि गंगा भारत के जनगण की आराध्य है पूज्य है, प्राणदायिनी है, अन्नदाता है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हजारों करोड़ का बजट स्वीकृत होना और गंगा का प्रदूषण दूर न हो पाना आश्चर्यजनक और खेदजनक है।  
        शाही ने कहा कि केन्द्रीय सरकार की कमेटी ऑन इकोनामिक अफेयर्स द्वारा केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के 7,000 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए संबंधित राज्यों के शहरी स्थानीय निकाय से संसाधन सृजित करने के लिए कर सेस तथा युजर्स चार्ज आदि लगाने की अपेक्षा की गयी है। उन्होंने इस निर्णय पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि आम आदमी से टैक्स वसूलने की बजाय उन उद्योगों से टैक्स वसूलना चाहिए, जिनके जहरीले रसायन से गंगा प्रदूषित हो रही है। शहरी क्षेत्रों के सीवर तथा गंदे नालों को गंगा नदी में गिरने से रोकना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। टैक्स तथा जुर्माना तो शहरी निकायों और गंगा में अपने अपशिष्ट डालने वाले उद्योगों के ऊपर लगाना चाहिए। 
        प्रदेश अध्यक्ष ने कहा नीतियों के दृढ़ता से पालन न होने के कारण गंगा नदी सिकुड़ती जा रही है। इसे रोकने के लिए नेचुरल वाटर रिचार्ज को जन सहयोग के माध्यम से पुनर्जीवित करने की जरूरत है। नगरीय सीवेज सिस्टम व सालिड वेस्ट का निस्तारण तथा औद्योगिक उत्प्रवाह गंगा में जाने से रोकना पहली प्राथकिता होनी चाहिए।



भाजपा कार्यकारिणी की बैठक 29 से कुशीनगर में
        लखनऊ, 15 अक्तूबर: 
        भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति बैठक 29-30 अक्तूबर को कुशीनगर में होगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राष्ट्रीय एवं प्रदेश के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी। 
        उन्होंने बताया कि बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, क्षेत्रीय मंत्री, समस्त संगठन मंत्री, प्रदेश कार्य समिति सदस्य, मोर्चा-प्रकोष्ठों के अध्यक्ष/संयोजक, जिलाध्यक्ष तथा जिला प्रभारी भाग लेंगे। बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात, तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार, लचर कानून-व्यवस्था, बेकाबू महंगाई के सात ही तथा देश-प्रदेश में चल रही जन चेतना यात्रा व जन स्वाभिमान यात्रा की सफलता के उपायों पर भी चर्चा की जायेगी। 

हमारी सरकार बनाओ, ‘सच्चर’ और ‘रंगनाथ’ पाओ


क्रासर: हमने लड़ी लड़ाई, बसपा की हमदर्दी झूठी: अखिलेश
क्रासर: चुनावी बयार में मुसलमानों को ‘समाजवादी लॉलीपॉप’
क्रासर: महंगाई, और भ्रष्टाचार में कांग्रेस-बसपा में साझेदारी


अशोक कुमार सिंह
लखनऊ, 15 अक्तूबर: 
       आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति में समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम मतदाताओं को अभी से अतिरिक्त तवज्जो देनी शुरू कर दी है। जब से बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री मायावती ने पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है, सपा नेताओं के भाषणों में उनकी पिछली सरकार द्वारा मुसलमानों के हित में चलायी गयी योजनाओं और गैर सपा सरकारों में मुस्लिमों की उपेक्षा का मसला अनिवार्य तौर पर शामिल रहता है। पार्टी मीडिया को यह बताने में भी नहीं चूकती कि राष्ट्रीय  अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यक्रमों और दौरों में उनका स्वागत करने वालों की भारी भीड़ में बड़ी संख्या में मुसलमान भी शामिल थे। बुर्कानशीन महिलाओं पर खास जोर रहता है।  
       समाजवादी क्रान्तिरथ से अलग-अलग जिलों को मथने निकले सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव इस समय ‘बसपा को फटकार और मुस्लिमोें को पुचकार’ का रास्ता अपनाये हुए हैं। पांचवें चरण के तीसरे दिन शनिवार को बदायूं के चार विधानसभा क्षेत्रों में दिये गये उनके भाषण भी अपवाद नहीं रहे। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में मुस्लिमों की सबसे ज्यादा उपेक्षा हुई है। मुख्यमंत्री मुस्लिमों के आरक्षण के लिए केन्द्र को चिट्ठी लिखकर झूठी हमदर्दी जताती हैं। उन्हें सचमुच हमदर्दी होती तो विधानसभा में प्रस्ताव पारित करातीं। 
       सच्चर कमेटी की सिफारिशों को हथियार बनाते हुए उन्होंने कहा, सच्चर कमेटी ने माना है कि मुस्लिम बहुत पिछड़े हैं। गरीबी और बेरोजगारी के मारे हैं। कांग्रेस ने भी उनसे दगा किया और सच्चर कमेटी तथा रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशें लागू नहीं कीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन सिफारिशों में उल्लेखित मुस्लिम हितों के कार्यो को हम लागू करेंगे। साथ ही उन्होंने एक शर्त रख दी- पहले सपा की सरकार बना दो। 
अखिलेश ने कहा कि मुस्लिमों के मुद्दों पर संसद और विधान सभा के अन्दर-बाहर सपा ही लड़ाई लड़ती है। सपा अकेली पार्टी है, जिसने हिन्दू मुस्लिम खाई पाटने का काम किया है। जब उनके सम्मान की बात आयी सपा ने ही उनका साथ दिया। हाईकोर्ट ने जब आस्थापरक निर्णय दिया तो मुस्लिमों के कानूनी हक के पक्ष में मुलायम सिंह यादव ने ही सबसे पहले आवाज उठायी थी। उन्हांेने याद दिलाया कि सपा की सरकार में मुस्लिमों और उर्दू भाषा को पूरा महत्व दिया गया था। पुलिस, पीएसी में 14 प्रतिशत मुस्लिमों की भर्ती की गयी। उर्दू पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी दी गयी। बसपा सरकार ने मुस्लिमों के कल्याण की तमाम योजनाएं, जो सपा के कार्यकाल में शुरू की गयी थी, समाप्त कर दी हैं। 
       यादव ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में केन्द्र की कांग्रेस और प्रदेश की बसपा में साझेदारी है। दोनों एक दूसरे की मददगार हैं। मुख्यमंत्री कांग्रेस को समर्थन दे रही हैं और बदले में कांग्रेस राज्य में बसपा सरकार के काले कारनामों की अनदेखी कर रही है। प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। सरकारी खजाने की लूट हो रही है। सत्ता का ख्ुाला दुरुपयोग हो रहा है। प्रशासन बेलगाम है। ऐसी बुरी हालत प्रदेश में कभी नहीं देखी गयी। सपा की सरकार बनने पर भ्रष्ट मंत्रियों, अधिकारियों की खैर नहीं। मुख्यमंत्री को भी अपने किये का हिसाब देना होगा और लूट-वसूली तंत्र पनपाने के लिए सजा भी भुगतनी होगी। 

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

जनस्वाभिमान जगाना है या ‘कमल’ खिलाना है?



क्रासर: पूरब से कलराज और पश्चिम से राजनाथ निकले यात्रा पर
क्रासर: काशी में आडवाणी व मथुरा में सुषमा ने दिखायी हरी झंडी
क्रासर: केन्द्र-प्रदेश सरकार पर जोरदार हमले, बदलने का आह्वान 


अशोक कुमार सिंह
लखनऊ, 13 अक्तूबर: 
भ्रष्टाचार के खिलाफ अण्णा हजारे के आन्दोलन से बने माहौल को जिन्दा रखने के लिए भाजपा के शीर्ष पुरुष लालकृष्ण आडवाणी ने पटना से कई राज्यों की ‘जनचेतना यात्रा’ शुरू की तो प्रदेश में मौजूदा मायावती सरकार के खिलाफ चुनावी साल में माहौल अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा के दो नेता पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र भी गुरुवार को ‘जनस्वाभिमान यात्राओं’ पर निकल पड़े। प्रदेश में चुनावी उम्मीदों के कमल खिलाने के मकसद से पूरब-पश्चिम से एक साथ मथने के लिए राजनाथ ने मथुरा से और कलराज ने काशी से यात्रा शुरू की। भारतमाता मन्दिर काशी से शुरू यात्रा को पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी तथा दीनदयाल धाम मथुरा से प्रारम्भ यात्रा को लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राजग के संयोजक शरद यादव ने किया। दोनों यात्राओं का समापन 22 अक्टूबर को अयोध्या में होगा।
काशी में आडवाणी, वाराणसी के सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, सूर्य प्रताप शाही, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती, मुख्तार अब्बास नकवी और अनन्त कुमार ने भगवान विश्वनाथ की पूजा-अर्चना के बाद कलराज के नेतृत्व में जन स्वाभिमान यात्रा को हरी झंडी दिखायी। इस मौके पर जनसभा में आडवाणी ने घोषणा की, ’काले धन को लायेंगें, भारत भव्य बनायेंगे’ और ’नया भारत बनाना है भ्रष्टाचार मिटाना है।’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ शुरू की गई उनकी जनचेतना यात्रा निश्चित रूप से जनता की मायूसी दूर करेगी और अपार संभावनाओं से जुड़ा यह देश पुनः अपना गौरव प्राप्त करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कलराज और राजनाथ की अगुवाई में शुरू हुईं जन स्वाभिमान यात्राएं प्रदेश की जनता का स्वाभिमान जगायेंगी।
स्वागत भाषण में शाही ने कहा कि भाजपा प्रदेश से कुशासन मिटाने और सुशासन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव अभियान समिति के संयोजक कलराज ने कहा कि भ्रष्टाचार हत्या, लूट व बलात्कार इस प्रदेश सरकार का पर्याय बन चुका है। लोगों का जो स्वाभिमान प्रदेश सरकार ने गिराया है, वह पुनः लौटे, इसके लिए इस सरकार का जाना जरूरी है।
इस अवसर पर वाराणसी के सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी, राष्ट्रीय महामंत्री एवं मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, महामंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविद, राष्ट्रीय मंत्री मुरलीधर राव एवं श्याम जाजू, प्रतिभा आडवाणी, विधानमंडल दल के नेता ओम प्रकाश सिंह, पूर्व अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी, महामंत्री संगठन राकेश, महेन्द्र पाण्डेय, नरेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल, मीना चौबे, वीणा पाण्डेय मौजूद थीं।
उधर, राजनाथ सिंह ने मथुरा में पं. दीनदयाल धाम से यात्रा शुरू की। उन्होंने कृपाधाम जाकर सन्तों का आशीर्वाद लिया। साध्वी ऋतम्भरा के श्री परमानंद आश्रम गये तथा कृष्ण जन्मभूमि का दर्शन किया। फिर दीनदयाल धाम जाकर पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा को माल्यार्पण किया। इस अवसर पर जुबली पार्क में आयोजित जनसभा में लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने केन्द्र और मायावती सरकार पर कड़े प्रहार किये। उन्होंने कहा कि पहले देश और समाज के हित में लोग जेल जाते थे, और फिर राजनीति तथा सत्ता में आते थे। अब उल्टा हो गया है। लोग पहले मंत्री बनते हैं और देश को लूटते हैं, फिर जेल जाते हैं। कई मंत्री जेल गये अब गृहमंत्री पी. चिदम्बरम की बारी है।
राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा कि दिल्ली तबाह है और लखनऊ चौपट हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम तो कायदे से महंगाई मोहन सिंह होना चाहिए था। उन्होंने राजनाथ सिंह से कहा कि वह मायावती से यूपी में निपटें, मनमोहन सिंह से हम लोग निपटते हैं। राजनाथ ने कहा कि वह वह यूपी के खराब हालात देखकर बसपा की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अपना दायित्व निभाने आये हैं। सरकार ठीक न हो तो विकास नहीं होता, यूपी इसका नायाब नमूना है। भाजपा सत्ता में आयी तो किसानों को एक प्रतिशत पर कर्ज, गन्ना किसानों को न्यूनतम 300 रुपये दाम, किसानों के खाते में सीधे पैसा भेजने जैसी सुविधाए शुुरू की जायंेगी। युवाओं को रोजगार के लिए भी सस्ता लोन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वह यूपी को बचाने के लिए बसपा का तख्ता पलटने निकले हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा.रमापति राम त्रिपाठी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष करुणा शुक्ला, विजय गोयल, रामनाथ कोविद, राष्ट्रीय मंत्री अशोक प्रधान, जद-यू के राष्ट्रीय महामंत्री के.सी. त्यागी, डा. महेन्द्र सिंह, रामनरेश अग्निहोत्री, सांसद कुसुम राय, पूर्व सांसद साक्षी महाराज समेत कई प्रमुख नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।



‘रथयात्रा रोग’ से नहीं मिलेगा ‘राजयोग’: कांग्रेस 
लखनऊ, 13 अक्टूबर:
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की यात्राओं पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को रथयात्रा रोग लग चुका है, किन्तु ‘रथयात्रा रोग’ से ‘राजयोग’ का सपना पूरा होने वाला नहीं है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी कीयात्रा का जनता पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि वह पहले भी तमाम रथयात्राएं निकाल चुके हैं। उनकी पहली रथयात्रा ने पूरे देश में हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच जो जहर घोला उसने सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान लीं। उनकी बाकी सभी रथयात्राएं फ्लॉप शो ही साबित हुई हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने गुरुवार को यहां कहा कि कलराज मिश्र और राजनाथ सिंह की यात्राओं का मकसद भी जनता को धार्मिक आधार पर विभाजित करके वोटों की तिजारत करना है, परन्तु प्रदेश की जनता अब इन हथकंडों को समझ चुकी है और अब इनके फरेब में आने वाली नहीं है।

रामपुर तिराहा काण्ड के जरिये मुलायम पर प्रहार


नये सिरे से तलाशे जायें इस घटना के दोषी: लोकमंच


लखनऊ, 13 अक्तूबर: 

राष्ट्रीय लोकमंच ने गुरुवार को यहां समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर प्रहार किया। 17 वर्ष पुराने रामपुर तिराहा काण्ड के जरिये उनकी लोहिया भक्ति और समाजवाद को सवालों के घेरे में खड़ा करने की कोशिश की। लोकमंच ने रामपुर तिराहा काण्ड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मांग की कि इस काण्ड की नये सिरे से जांच हो, दोषियों को गिरफ्तार किया जाये, और पीड़ित परिवारों की सहायता की जाये। अपने नेता अमर सिंह की पुरानी पार्टी और उनके ‘बड़े भाई’ पर इस हमले की वजह जो भी हो, पर इस काण्ड की तुलना जलियांवाला बाग काण्ड और मुलायम की तुलना लोगों पर गोली चलवाने वाले जनरल डायर से करके लोकमंच ने आने वाले दिनों में सियासी घमासान के संकेत दे दिये हैं। 
इस कार्यक्रम में प्रदेश सचिव नैमिष प्रताप सिंह ने कहा कि कहा गया कि मानवता को शर्मसार करने वाले रामपुर तिराहा काण्ड की काली रात बीते 17 वर्ष हो चुके हैं, पर शहीदों को अब तक न्याय नहीं मिला है। पृथक उत्तराखण्ड की मांग को लेकर जब दिल्ली में 2 अक्टूबर को होने वाली रैली में भाग लेने के लिए आंदोलन 36 बसों से दिल्ली जा रहे थे तब यह घटना हुई थी। दो घंटे तक चला दमनचक्र छह लोगों की जान लेकर रुका। 17 व्यक्ति घायल हो गये और चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ। 
उन्होंने कहा कि यह काण्ड तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के इशारे पर रामपुर तिराहा हत्याकाण्ड हुआ। मुलायम खुद को डा. राम मनोहर लोहिया का अनुयायी कहते हैं। हालांकि डा. साहब निहत्थे सत्याग्रहियों पर बलप्रयोग को नाजायज मानते थे। 17 वर्ष बीत जाने के बाद भी रामपुर तिराहा काण्ड के दोषियों को सजा न मिलना न्याय प्रणाली पर सवाल उठाता है। उन्होंने चिपको आन्दोलन के नेता मैगसेसे पुरस्कार विजेता चण्डी प्रसाद भट्ट के हवाले से इस काण्ड की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड से की और कहा कि जनरल डायर को तो वीर ऊधम सिंह ने सजा दे दी, पर रामपुर तिराहा काण्ड के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सबसे बडे़ दोषी मुलायम लोकतंत्र की विकृतियों के चलते खुले घूम रहे हैं।
बैठक को एम.एच. खान, रामबाबू द्विवेदी, संजय सिंह, नितिन अग्रवाल, अभय सिंह ने भी संबोधित किया।

पिछड़े मुस्लिम समाज में खुदमुख्तारी की छटपटाहट


पसमांदा मुस्लिम समाज ने किया ताकत का प्रदर्शन 
बदतरी की वजह मुस्लिम नेता और उलेमा: अनीस
लखनऊ में गुरुवार को आयोजित पसमांदा अधिकार सम्मेलन
में अनीस मंसूरी व पसमांदा समाज के अन्य नेता
  


अशोक कुमार सिंह
लखनऊ, 13 अक्टूबर: 
अपने वोटों से दूसरों के लिए ताज खरीदकर खुद भूखे-नंगे रह जाने की पीड़ा क्या होती है, पसमांदा मुस्लिम समाज से ज्यादा भला कौन समझ सकता है। सत्ता में और सत्ता लपकने के लिए विविध रूप धर कर तैयार बैठी सियासी जमात की तिकड़मों के कारण, हाड़-मांस वाले जीते जागते इन्सान की बजाय वोट बैंक में तब्दील हो जाने की विडम्बना भी इनसे ज्यादा किसकी तकदीर में है। हर पांच साल में इनकी एकजुटता को सियासी दलों के पास गिरवी रखकर अपने और कुनबे के लिए लिये चंद कुर्सियों का जुगाड़ करने वाले ‘बड़े मुस्लिम नेता’ और उलेमा का चोला पहनकर सियासत में सियासतदां को भी मात करने वालों ने पसमांदा मुस्लिम समाज को बस इस लायक रखा कि वे जिन्दा रहें और उनके पक्ष में या उनके कहने पर वोट देते रहें, पर धीरे-धीरे ही सही, यह समाज जाग गया है। उसके अन्दर खुद मुख्तार बनने की इच्छा छटपटाहट में बदलने लगी है। यही छटपटाहट उसे गुरुवार को लखनऊ में झूलेलाल वाटिका तक ले आयी, जहां मुस्लिम पिछड़ी बिरादरियों की समाजी तंजीम ‘पसमांदा मुस्लिम समाज’ ने इन वंचितों को उनका हक दिलाने के लिए पसमांदा अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया था। 
यह सम्मेलन इस भाव-भूमि पर आयोजित किया गया था कि ‘वोट हमारा राज तुम्हारा’ नहीं चलेगा। पसमांदा समाज का वोट वही लेगा जो पसमांदा समाज का काम करेगा। उसको सारे हक और सभी क्षेत्रों में भागीदारी देगा। कभी वोट के नाम पर कभी धर्म के नाम पर, कभी चुनावी वादों में तो कभी जमात के जमावड़ों में, बहलाव-फुसलाव नहीं चलेगा। इतनी भीड़ देख सम्मेलन में आया हर शख्स चकित था, अरे हमारी संख्या तो इतनी ज्यादा है, फिर हम कमजोर क्यों, पिछलग्गू क्यों, क्यों किसी और के सिर सेहरा बांधें। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने तो साफ-साफ कह भी दिया कि पसमांदा मुसलमानों की बदतर स्थिति के लिए मुस्लिम बड़े नेता और तथाकथित सियासी उलेमा जिम्मेदार हैं। इन लोगों ने स्वार्थ के चलते कभी भी पिछड़े मुसलमानों की आवाज नहीं उठायी, जिसका नतीजा है कि पिछड़ों की हालत बदतर होती चली गयी। 
भारी जमावड़े पर खुशी जाहिर करते हुए अनीस ने सवाल किया कि जब सच्चर कमेटी यह प्रमाणपत्र दे चुकी है कि देश के मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदतर है, तो यूपीए सरकार पिछड़े मुसलमानों के उत्थान के लिए किस मुहूर्त का इंतजार कर रही है। केन्द्र को चाहिए कि वह पिछड़े मुलसमानों के विकास के लिए दलितों की तर्ज पर विकास योजनाएं बनाये। अनीस ने कहा कि जब तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पिछड़े मुसलमानों तक नहीं पहंुचेगा, तब तक उनके उत्थान की बात बेमानी होगी।
उन्होंने कहा कि पिछड़े मुसलमानों की बदतर हालत के लिए सियासी दल, खासकर कांग्रेस जिम्मेदार है, जिसने केन्द्र और प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक राज किया। सत्तारूढ़ दलों में कथित बड़े मुस्लिम नेताओं ने साजिश करके मुसलमानों की समस्याएं नहीं रखीं। बसपा नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन के बारे में उन्होंने कहा कि जिस मंत्री के पास 14 विभाग हों वह अपनी बिरादरी के लिए कुछ न करे, बड़े शर्म और अफसोस की बात है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों में कुल 40 बिरादरियां है, जिनमें से 36 पिछड़ी हैं। यही 36 बिरादरिया हक और सत्ता में हिस्सेदारी के लिए आज लखनऊ में इकट्ठा हुई हैं। वे धोखा देने वालों को पहचान गये हैं और विधानसभा चुनाव में इसका जवाब देंगे। छले जाने की कसक जबान पर चली आयी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत पिछड़ा है, जिसे छला गया है। शेष 15 प्रतिशत हर तरह के लाभ लेता रहा। उन्होंने मांग की कि केन्द्र संविधान के अनुच्छेद 341 पर लगे धार्मिक प्रतिबंध को समाप्त कर 1950 से पूर्व की स्थिति बहाल करे, ताकि 2012 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में पिछड़े मुसलमान भी सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ सकें। 
प्रदेश अध्यक्ष, वसीम राईनी, लन्दन से शिरकत करने पहंुचे मौलाना ईसा मंसूरी, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुख्तार मंसूरी, अब्दुल नईम इदरीसी व एहरार कुरैशी, अंजुम अली सहित कई नेताओं ने मुसलमानों के पिछड़ेपन के लिए सियासी बेईमानी को जिम्मेदार बताते हुए इसके खिलाफ एकजुट संघर्ष का आह्वान किया। 


लखनऊ में गुरुवार को आयोजित पसमांदा अधिकार
सम्मेलन में उपस्थित पसमांदा समाज के लोग
अनीस का आरोप 
रोकी गयी भीड़ 
लखनऊ, 13 अक्तूबर:
पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने सम्मेलन के मंच से कैबिनेट मंत्री नसीमुददीन सिददीकी पर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि मंत्री ने रैली असफल करने के लिए जी-जान से कोशिश की। दो महीने नाच नचाने के बाद महारैली की अनुमति दी गयी। सम्मेलन में आ रहे लोगों की बसों को राजधानी में कई जगहों पर रोका गया। जितनी भीड़ यहां मौजूद है उतनी ही भीड़ प्रशासन ने रोक ली नहीं, वरना यहां तिल रखने की भी जगह न होती। उन्होंने बताया कि सरकार के नुमाइंदों ने यहां खाना बनाने और बाहर से मंगाने पर भी रोक लगा दी।


सोमवार, 8 अगस्त 2011

राहुल की सक्रियता में गद्दी की संभावना देख रही कांग्रेस




अशोक कुमार सिंह 



पार्टी के कर्ता-धर्ताओं को लगता है, महासचिव राहुल गांधी को देखने जुटने वाली भीड़ वोट की शक्ल में उसकी झोली में गिर जायेगी। बसपा सरकार के भ्रष्टाचार पर उनका वार कारगर होगा और केंद्र सरकार तथा कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों के भ्रष्टाचार को जनता भूल जायेगी। ऐसी ही खुशफहमियों के साथ साढ़े चार साल तक निष्क्रिय रही कांग्रेस बस चंद नारों के साथ विधानसभा चुनावों का मैदान मारने की फिराक में है। 


     लखनऊ। प्रदेश में हाल के दिनों में कांग्रेस के महासचिव और सांसद राहुल गांधी के ताबड़तोड़ दौरों, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के बीच उनकी सक्रियता में कांग्रेसी दो दशक बाद गद्दी की संभावनाएं टटोल रहे हैं। उन्हें लगता है कि राहुल बाबा की अपील नये-नये वोटरों को एकदम से पार्टी की झोली में डाल देगी। उन्हें देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा जागरूक इस राज्य की सत्ता कांग्रेस को थाली में सजाकर दे देगी। उसे यह भी लगता है कि जनता महंगाई को भूल जायेगी, एक-दूसरे को पछाड़ते घोटालों को राजकाज मान लेगी और सिर्फ दफ्तरों में बैठकर बयान जारी करने को जनसेवा मान कर साढ़े चार की उसकी निष्क्रियता पर ज्यादा तवज्जो नहीं देगी और फिर तो कुर्सी उसकी है ही। 
     प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठकों के नाम पर जब भी कार्यकर्ताओं-नेताओं का जमावड़ा लगता है, कांग्रेस कुछ इसी तरह के खामखयाली परिणामों की अपेक्षा में अभिभूत हो जाती है। अखबारों के जरिये कुछ बयान उछाले जाते हैं और कांग्रेस के कर्ता-धर्ता मान लेते हैं कि जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी पूरी हुई। रविवार को हुई कांग्रेस के जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक में भी नजारा इससे अलग नहीं था। अध्यक्षता करते हुए प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि जनता कांग्रेस की ओर देख रही हैै। प्रदेश में अन्य दलों की छवि जनता के बीच गिरी है। राहुल गांधी के प्रदेश में सक्रिय होने से जनता का रुझान बड़ी तेजी से बदला है और वह कांग्रेस को प्रदेश में विकल्प के रूप में देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में किसी अपराधी को शामिल नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने बूते सरकार बनायेगी। 
     डा. जोशी ने कहा कि अभी चुनाव में छह माह शेष हैं, इसलिए हमें अभी से कार्य करना है। बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रदेश सरकार ने एक-एक करोड़ रुपये दिये हैं, निगरानी करनी है कि बाढ़ का पैसा किस मद में खर्च किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में प्रदेश में घोटाले उजागर करने के बाद पार्टी अब मनरेगा में भ्रष्टाचार के मामलों पर प्रदेश सरकार को घेरेगी। उन्होंने गुरुमंत्र दिया कि जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनरेगा पर आर.टी.आई. के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त करें और जहां भी धांधली और भ्रष्टाचार नजर आये, उसे मुद्दा बनाकर संगठन के स्तर पर आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग अभी से चुनाव के लिए कमर कस लें, विजय कांग्रेस पार्टी की होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को लखनऊ में दलित सम्मेलन होगा, जिसमें प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों से पांच-पांच दलित प्रतिनिधि आयेंगे। 
     डॉ. जोशी ने जोर देकर कहा कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए 15 अगस्त के पहले बची हुईं सभी बूथ कमेटियों का गठन कर लिया जाना चाहिए। अब उन्हें कौन बताये कि घर और रिश्तेदारी की शादी-व्याह छोड़ दिये जायें तो कांग्रेसी अपने क्षेत्र में भी पांच साल से पहले नहीं जाते। ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं के भरोसे विधानसभा चुनाव का महासमर जीतने के सपने जीवट का प्रतीक हैं। तभी तो सांसद जगदम्बिका पाल को उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के भ्रष्टाचार और घोटाले तो नजर आ जाते हैं, लेकिन उनका दिल शायद यह मानने से मना करता है कि जनता केन्द्र के घोटाले भी देख रही है। घोटाले की आदर्श आदर्श इमारत जिस महाराष्ट्र में है, वहां उनकी ही पार्टी की सरकार है। जनता बसपा को भी देख रही है और आपको भी। 
बहरहाल, जगदम्बिका ने कहा कि हर विभाग से धन उगाही की जा रही है। जिलों-जिलों में बसपा के कोआर्डिनेटर धन उगाही कर रहे हैं। विभिन्न योजनाओं को मिल रही केन्द्रीय मदद में करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार किया जा रहा है, आम जनता को योजनाओं का सही लाभ नहीं मिल रहा है, इसकी मानीटरिंग करने की जरूरत है। उन्होंने मांग की कि केन्द्र सरकार हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त करे, ताकि केंद्रीय मदद का दुरुपयोग न हो। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पी.एल. पुनिया ने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहा है। कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के इच्छुक लोगों को अभी से ही न्यायपंचायत स्तर पर जाकर बूथ लेवल पर संगठन को मजबूत करना चाहिए और लोगों की समस्याओं के निस्तारण के प्रयास करने चाहिए।