शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

सीधे का मुंह कुत्ता चाटे



उदयगंज में माता सुग्गा देवी मार्ग स्थित नगर निगम के प्राइमरी स्कूल के प्रवेश द्वार के सामने डाला गया कूड़ा।
  • उदयगंज में प्राथमिक विद्यालय के गेट पर डाला जाता है मोहल्ले का कूड़ा 
  • अपर नगर आयुक्त  ने कहा था अभी तो स्कूल के सामने ही पड़ेगा कूड़ा

बुजुर्गों ने कहा है कि सीधे का मुंह कुत्ता चाटे। अगर मर्यादा का ध्यान नहीं होता तो हम भी यही कहते। बच्चों की सेहत को ठेंगे पर रखते हुए उदयगंज में माता सुग्गा देवी मार्ग पर नगर निगम द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार को बाकायदा अफसरों की सहमति से कूड़ाघर में तब्दील कर दिया गया। और उस पर तुर्रा यह कि जिन पर नगर में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने का जिम्मा है, वे कहते हैं कि अभी तो कूड़ा स्कूल के सामने ही पड़ेगा। हम उनसे सवाल पूछना चाहते हैं कि क्या ऐसा गैरजिम्मेदाराना जवाब देने वाले अफसर, नगर आयुक्त, अन्य अफसरों या पार्षद के बेटे-बेटियां, पोते-पोतियां  यहां   पढ़ रहे होते तब भी वे यही जवाब देते?  
पिछले कई साल से उदयगंज में प्राथमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार पर मोहल्ले का कूड़ा डाला जा रहा है। शिक्षिकाएं तो बदबू से बेहाल रहती ही हैं, कई बार बच्चे गंदगी की वजह से उल्टी-दस्त समेत संक्रामक रोगों के शिकार हुए हैं। बदबू के बीच बच्चे मिड-डे मील भी ठीक से नहीं खा पाते। 25-30 फुट चौड़ी इसी सड़क के दूसरी ओर रहने वाले एडवोकेट तेज नारायण और उनके पड़ोसियों के परिवार भी बदबू से परेशान रहते हैं। उनका कहना है कि सुबह-सुबह बदबू के कारण चित्त खराब हो जाता है। खाना गले से नीचे नहीं उतरता। रिश्तेदारों ने आना छोड़ दिया है। तेज नारायण ने कई दफा अफसरों और जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजा, उनकी पीड़ा मीडिया की भी सुर्खियां बनीं, लेकिन अफसरों के कानों पर जूं भी नहीं रेंगी। 
एक ओर सरकार नये-नये शिक्षण संस्थान खोलने के लिए प्रोत्साहन दे रही है, दूसरी ओर इस इलाके में गरीब बच्चों के शिक्षार्जन का एकमात्र साधन इस विद्यालय को बंद कराने की साजिश भी रची जा रही है। ऐसा न होता तो एक अपर नगर आयुक्त यह नहीं कहते कि जब तक कोई दूसरी व्यवस्था नहीं हो जाती, स्कूल के सामने ही कूड़ा पड़ेगा। हम तो आधुनिक कूडा घर बनाना चाहते हैं, मगर जमीन उपलब्ध नहीं है। कूडा पड़ता है तो कूड़ा उठता भी है। हालांकि उनके पास इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं था कि जहाँ सब्जी मण्डी लग रही है, वहां से कूड़ाघर क्यों हटाया गया। उनका जवाब था कि व्यापारी विरोध कर रहे थे। अब उनके पास इस बात का क्या जवाब है कि विद्यालय के सामने कूड़ा डालने का विरोध तो स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों के अभिभावक, क्षेत्रीय नागरिक भी कर रहे हैं। फिर यहां कूड़ा क्यों डाला जा रहा है? 
  • समर्थ

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